पहली बार किलों के हिसाब से बिका सेब, बागवानों को हुआ फायदा
Apples were Sold by the Kilo
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बागवानों से किए वायदे को पहले साल ही निभाया
शिमला: संदीप उपाध्याय: Apples were Sold by the Kilo: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू साबित करते हैं कि वो जो कहते हैं, उसे पूरा करके दिखाते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बागवानों से वायदा किया था कि कांग्रेस सरकार बनने पर सेब किलो के हिसाब से बिकेगा और यूनिवर्सल कार्टन लागू किया जाएगा। सरकार बनने पर मुख्यमंत्री ने बागवानी मंत्री को निर्देश दिए कि प्रदेश में सेब खरीदने वाली सभी मंडियों में यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध कराया जाए और किलो के हिसाब से सेब खरीदने का प्रबंध किया जाए। मुख्यमंत्री के आदेशानुसार प्रदेश में सेब मंडियों में यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध कराया गया। जिससे सभी बागवानों को समय पर यूनिवर्सल कार्टन मिले और बागवान अपना सेब यूनिवर्सल कार्टन में भरकर मंडियों तक लेकर आए। मंडियों में यूनिवर्सल कॉटन में आया सेब किलो के हिसाब से बेंचा गया, जिससे बागवानों को लाखों रुपए का फायदा हुआ। इससे पहले टेलिस्कोप या अन्य कार्टन में सेब भरकर आता था तो उसमें कई लेयर हो जाती थीं और बागवानों को सही दाम नहीं मिलते थे। सरकार के आंकड़ों के अनुसार यूनिवर्सल कार्टन में सेब आने से कम पैदावार के बावजूद 2 लाख से अधिक पेटी सेब मंडियों में पहुंचा है।
मंडियों में लाखों पेटी अधिक पहुंचा सेब
हिमाचल में इस बार बागवानों का सेब यूनिवर्सल कॉर्टन में बिका है। इस वजह से सेब बागबानों को काफी ज्यादा लाभ मिला है। कम उत्पादन के बावजूद ज्यादा मुनाफा बागबानों ने कमाया है। क्योंकि उनका सेब ज्यादा दामों में बिका है। यही वजह है कि इस बार सेब सीजन के दौरान किसी प्रकार का कोई हल्ला नहीं मचा है। भट्टाकुफर मंडी की बात करें तो यहां पर पिछले साल 8,10,823 सेब बॉक्स पहुंचे थे। इस साल सेब सीजन के दौरान यहां पर 11,37, 937 सेब बॉक्स पहुंचे। पहले से ज्यादा यहां पर कारोबार इस बार हुआ है। जिससे बागवान भी खुश हैं। पराला मंडी में हुए कारोबार की बात करें तो पिछले साल यहां 17,29,967 सेब पेटियां आई थीं। लेकिन इस साल यहां पर जो कारोबार हुआ है उसमें 21, 83506 सेब बॉक्स पहुंचे हैं। शिमला व किन्नौर एपीएमसी के तहत आने वाली मंडियों की बात करें तो नेरवा में पिछले साल 28690 पेटियां पहुंची थीं और इस बार 28486 पेटियां पहुंचीं। मेंहदली में पिछले साल 1712980 सेब पेटियां आई थीं और इस सेब सीजन में यहां पर 1914410 सेब बॉक्स पहुंचे हैं। खड़ा पत्थर की बात करें तो पिछले साल 88442 थी और इस बार में 78284 पेटियां पहुंचीं। टापरी मंडी में पिछले साल 228620 सेब पेटियां पहुंची थीं और इस साल 367736 सेब बॉक्स इस मंडी में पहुंचे। बताया जाता है कि कुल 16 लाख 38 हजार 247 ज्यादा सेब पेटियां पिछले साल के मुकाबले में इस बार बागीचों से मंडियों तक पहुंची हैं।
यूनिवर्सल कार्टन से बागवानों को हुआ फायदा
यूनिवर्सल कार्टन में 20 किलो तक सेब आता है। ये कार्टन एक सिंगल पीस बॉक्स होता है, जिसे बड़ा नहीं किया जा सकता और न ही सेब की ट्रे को बढ़ाया जा सकता है। टेलीस्कोपिक या इससे पहले प्रचलित अन्य कार्टन ऐसे बॉक्स होते हैं, जिनमें एक कार्टन में दो बॉक्स होते हैं और सेब की 5 लेयर को 7 तक बढ़ाया जा सकता है। इससे बागवानों को वजन के हिसाब से नुकसान होता था. टेलीस्कोपिक कार्टन में ज्यादा सेब आता था और ज्यादा सेब कम कीमत में बेचना पड़ता था। ऐसे में बागवानों को वजन के हिसाब से पैसा मिलता है। जिससे इस बार बागवानों को लाखों रुपए का फायदा हुआ है।